जमुई विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं विकास प्रसाद सिंह, मजबूत दावेदारी के संकेत
जमुई विधानसभा

जमुई विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं विकास प्रसाद सिंह, मजबूत दावेदारी के संकेत
जमुई जिले के खैरा प्रखंड के कैराकादो गांव के रहने वाले विकास प्रसाद सिंह ने अपने संघर्ष और मेहनत से राजनीति में एक अलग पहचान बनाई है। उनका जन्म 26 जुलाई 1972 को हुआ था। बचपन में कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और संकल्प से राजनीति में एक मजबूत स्थिति बनाई
राजनीतिक सफर और संगठनात्मक योगदान
विकास प्रसाद सिंह 1998 से भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े हुए हैं और उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM), भाजपा किसान मोर्चा (BJKM) और पंचायती राज जैसे कई संगठनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं के बीच एक प्रभावशाली नेतृत्व विकसित किया और प्रदेश स्तर तक अपनी पहचान बनाई। उनकी संगठनात्मक दक्षता और मजबूत नेतृत्व क्षमता उन्हें पार्टी में एक प्रभावशाली चेहरा बनाती है।
जिला परिषद सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण योगदान
2011 में हुए पंचायती राज चुनाव में विकास प्रसाद सिंह ने जिला परिषद सदस्य का चुनाव जीता और 2016 तक अपने क्षेत्र में लगातार विकास कार्य किए। उन्होंने अपने कार्यकाल में ग्रामीण विकास, सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया। जनता के बीच उनकी छवि एक कर्मठ और निष्ठावान नेता की बनी हुई है।
विधानसभा चुनाव में दावेदारी और राजनीतिक समीकरण
2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार माना था, लेकिन गठबंधन के कारण किसी अन्य दल के प्रत्याशी को टिकट दे दिया गया। कार्यकर्ताओं की नाराजगी को देखते हुए विकास प्रसाद सिंह ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के आग्रह पर उन्होंने नामांकन वापस ले लिया।
2020 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिससे समर्थकों में असंतोष देखा गया। अब 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी दावेदारी बेहद मजबूत मानी जा रही है। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ स्थानीय जनता में भी उनकी उम्मीदवारी को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है।
मजबूत जनाधार और संभावित जीत की रणनीति
अगर भाजपा उन्हें 2025 में जमुई विधानसभा सीट से टिकट देती है, तो वे एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। उनकी संगठनात्मक पकड़, कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी साख और जनता में लोकप्रियता उनके पक्ष में काम कर सकती है।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, उनकी स्पष्ट छवि, जमीनी पकड़ और लंबे समय से क्षेत्र में सक्रियता उन्हें अन्य उम्मीदवारों की तुलना में एक मजबूत विकल्प बनाती है। भाजपा अगर उन्हें उम्मीदवार बनाती है, तो यह सीट पार्टी के लिए आसान जीत साबित हो सकती है। अब देखना होगा कि भाजपा उन्हें जमुई विधानसभा से मौका देती है या नहीं।