पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. विभूति भूषण को राष्ट्रीय कर्ण पुरस्कार
जमुई

पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. विभूति भूषण राष्ट्रीय कर्ण पुरस्कार से सम्मानित
जमुई: विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर भागलपुर स्थित भगवान पुस्तकालय सभागार में आयोजित राष्ट्रीय अंग समागम में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. विभूति भूषण को राष्ट्रीय कर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन अंग जन गण भारत, अंग मदद फाउंडेशन और अंगिका सभा फाउंडेशन द्वारा किया गया था।
40 विभूतियों को मिला राष्ट्रीय कर्ण पुरस्कार
फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुधीर, प्रसून लतांत और सचिव वंदना झा ने बताया कि पूरे देश से कुल 40 व्यक्तियों को पर्यावरण संरक्षण, साहित्य, कला, शिक्षा, संस्कृति, गायन, नाट्य मंचन, समाजसेवा, पत्रकारिता, विधिक सहायता, मानवाधिकार, रंगकर्म मंचन और नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रीय कर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अकेले जमुई के डॉ. विभूति को मिला सम्मान
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में यह सम्मान केवल जमुई निवासी डॉ. विभूति भूषण को प्रदान किया गया, जबकि अन्य क्षेत्रों में विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों को यह पुरस्कार मिला। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा समेत अन्य राज्यों से आए प्रतिभागियों को यह सम्मान प्रदान किया गया।
वरिष्ठ अतिथियों ने किया सम्मानित
सभी 40 पुरस्कार विजेताओं को छपरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. फारूक अली, केंद्रीय विश्वविद्यालय रांची के पूर्व कुलपति प्रो. नंद कुमार यादव इंदु, वरिष्ठ समाजसेवी प्रो. रतन मंडल और डॉ. शंभु दयाल खेतान द्वारा प्रशस्ति पत्र और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
इस अवसर पर कवि सम्मेलन और ‘बापू के साए में’ नामक लघु नाटक का मंचन भी किया गया, जिसने दर्शकों को महात्मा गांधी के विचारों से रूबरू कराया। इस कार्यक्रम में साहित्य और संस्कृति से जुड़े कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।