गरही जमुई में नई मस्जिद का उद्घाटन, क़ारी सैफुल्लाह ने पढ़ाई जुमा की पहली नमाज़”
गरही जमुई में नई मस्जिद का उद्घाटन, क़ारी सैफुल्लाह ने पढ़ाई जुमा की पहली नमाज़"

गरही जमुई में नई मस्जिद का उद्घाटन, हज़रत क़ारी सैफुल्लाह नक्शबंदी ने पढ़ाई पहली जुमा की नमाज़
जमुई, बिहार | 11 जुलाई 2025 (जुमा)
जमुई के गरही क्षेत्र में आज एक रूहानी और ऐतिहासिक अवसर पर नई मस्जिद का उद्घाटन बड़े ही अदब व एहतराम के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर मस्जिद का ईफ़्तताह मदरसा रूहुल ऊलुम के मोहतमिम हज़रत क़ारी सैफुल्लाह नक्शबंदी साहब (मोहतमिम, ईदारा अशातुल हक़, ख़ानक़ाह अबरारिया कलिमीया, गरही जमुई) द्वारा जुमा की नमाज़ अदा कर किया गया।
जुमा का खिताब और पैग़ाम
जुमा के खिताब में क़ारी सैफुल्लाह साहब ने फरमाया:
“लोगों, मस्जिद से अपना रिश्ता मज़बूत कर लो। अल्लाह के घर को हमेशा आबाद रखो, यही जगहें बरकत और रहमत का जरिया हैं। अगर तुम मस्जिदों को आबाद रखोगे, तो अल्लाह तुम्हारी नस्लों को आबाद फरमाएगा।”
कार्यक्रम में शामिल विशेष अतिथि
इस पवित्र अवसर पर कई जानी-मानी शख्सियतों ने शिरकत की, जिनमें शामिल रहे:
हकीम हाफ़िज़ रुहुल्लाह रहमानी (सरपरस्त, नई मस्जिद)
मौलाना नाज़िर साहब
मौलाना मतिन नक्शबंदी (नाज़िम, जामिया सुफ्फा, नागोबर)
मौलाना इश्तियाक साहब (नाज़िम-ए-तालीमात, ईदारा अशातुल हक़)
मेहमानों के लिए शुक्रिया अदा
मुफ़्ती गुलाब साहब (नाज़िम, मदरसा रूहुल ऊलुम) ने इस अवसर पर मस्जिद में तशरीफ़ लाने वाले सभी मेहमानों, नमाज़ियों और स्थानीय लोगों का दिल से शुक्रिया अदा किया।
इस मस्जिद का उद्देश्य
नई मस्जिद केवल एक इबादतगाह नहीं बल्कि समाज को एकजुट करने, इल्म और इंसानियत की तालीम देने का केंद्र बनेगी। यहां न सिर्फ नमाज़, बल्कि दीन की तालीम, इस्लाही मजलिसें और समाजी बुनियादों को मज़बूत करने वाले कार्यक्रम भी होंगे।
स्थान: गरही, जिला जमुई, बिहार