
फर्जी सर्टिफिकेट पर नियुक्त शिक्षक फरार, शिक्षा विभाग ने कार्रवाई तेज की
जमुई, बिहार:
बिहार के जमुई जिले में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने वाले तीन शिक्षकों के फरार होने का मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग की जांच में इन शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए, जिसके बाद कार्रवाई के डर से ये शिक्षक महीनों से स्कूल से अनुपस्थित हैं।
फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी
जमुई जिले के उत्क्रमित मध्य विद्यालय नगदेवा में नियुक्त अनु कुमारी, रविन्द्र कुमार रवि और गोपाल कुमार ने वर्ष 2015 में पंचायत मुखिया और पंचायत सचिव की सिफारिश पर नौकरी हासिल की थी। इन शिक्षकों ने विभाग की आंखों में धूल झोंकते हुए लगभग आठ से नौ वर्षों तक वेतन का लाभ लिया।
जांच में खुलासा
शिक्षा विभाग द्वारा प्रमाणपत्रों की ऑनलाइन जांच में तीनों शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए। विभागीय सूत्रों के अनुसार, गोपाल कुमार ने बख्तियारपुर के हुसैन चक स्कूल में भी अपने सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया था। रविन्द्र कुमार रवि और अनु कुमारी के नाम पर भी अन्य जिलों में नौकरी करने की पुष्टि हुई है।
कार्रवाई की तैयारी
शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों को शोकॉज नोटिस जारी किया है। नियोजन ईकाई बरहट को विधि सम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। एसके पांडेय, प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया, “शिक्षकों को 17 जनवरी को पंचायत समिति और शिक्षा समिति की बैठक में अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा। उनकी अनुपस्थिति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग
यह घटना न केवल बिहार की शिक्षा व्यवस्था में गड़बड़ियों को उजागर करती है, बल्कि यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियमों और निगरानी की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।
(यह लेख शिक्षा और प्रशासन में सुधार की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता पर आधारित है।)