गया का अनोखा रसगुल्ला: 2 किलो वजन और देशभर में मशहूर
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गया के पंडित जी के रसगुल्ले: बिहार की अनोखी मिठास
गया: बिहार के गया जिले में पंडित जी की मिठाई दुकान पर मिलने वाला विशाल रसगुल्ला हर किसी को हैरान कर देता है। यहां 50 ग्राम से लेकर 2 किलो तक के वजन वाले रसगुल्ले मिलते हैं। इनकी कीमत 300 रुपये से 600 रुपये तक होती है। खास बात यह है कि पंडित जी के रसगुल्ले का स्वाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां भी चख चुकी हैं।
विशाल रसगुल्ले की अनोखी कहानी
पंडित जी के रसगुल्लों को “पेटभरवा,” “गलफार,” और “सगुनिया” रसगुल्ला के नाम से भी जाना जाता है। स्थानीय छात्रों और यात्रियों में यह बेहद लोकप्रिय है। बड़ी मात्रा और स्वादिष्टता के कारण यह मिठाई बिहार ही नहीं, बल्कि देशभर में मशहूर है।
शुद्धता के साथ बनते हैं रसगुल्ले
पंडित जी का दावा है कि उनके रसगुल्ले शुद्धता और परंपरागत विधि से बनाए जाते हैं। इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल का उपयोग नहीं होता। प्रतिदिन 1 किलो से 2 किलो वजन वाले रसगुल्ले की कई किलो बिक्री होती है।
राजनीतिक हस्तियों का पसंदीदा
यहां के रसगुल्ले को कई नेताओं और अफसरों ने सराहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, गिरिराज सिंह, और यहां तक कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह तक इन रसगुल्लों का स्वाद चख चुके हैं।
1969 में हुई शुरुआत
1969 में पंडित जी ने 25 पैसे से दुकान की शुरुआत की थी। उत्तर प्रदेश में रसगुल्ले बनाने की कला सीखने के बाद उन्होंने गया के पंचानपुर में अपनी दुकान खोली। अब यह दुकान बड़े रसगुल्लों के लिए प्रसिद्ध है।
नई पीढ़ी संभाल रही कारोबार
पंडित जी के परिवार के अमन कुमार ने बीटेक की पढ़ाई के बाद अपनी नौकरी छोड़कर इस पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। उनके मुताबिक, “यह हमारा गौरवशाली व्यवसाय है, और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाना हमारी जिम्मेदारी है।”
गया के पंडित जी का रसगुल्ला बिहार की मिठास को देशभर में प्रसिद्ध कर रहा है और राज्य की अनोखी परंपराओं को जीवित रखे हुए है।