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गम्हरिया: मां काली मंदिर प्रांगण में किसानों की बैठक, अवैध बालू खनन रोकने का संकल्प

जमुई ,बालू घाट

गम्हरिया: मां काली मंदिर प्रांगण में किसानों की बैठक, अवैध बालू खनन रोकने की मांग

*बैठक में शामिल किसान व विरोध करते किसान की तस्वीर।*

आज दिनांक 11 जनवरी 2025 को गम्हरिया ग्राम के मां काली मंदिर प्रांगण में वन पर्यावरण एवं नदी बचाओ संरक्षण समिति जमुई के बैनर तले एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्य रूप से सिंचाई नाला को बचाने और मौरा बालू घाट पर हो रहे अवैध बालू खनन को रोकने की मांग की गई।

 

 बैठक का मुख्य मुद्दा 

बैठक में किसानों ने आरोप लगाया कि 15 जुलाई 2024 को जमुई खनन विभाग द्वारा गिद्धौर प्रखंड कार्यालय के सभागार में आयोजित एक गोपनीय बैठक में स्थानीय लोगों को जानकारी दिए बिना फैसले लिए गए। किसानों का कहना है कि इस बैठक में संवेदकों और अधिकारियों ने मिलकर अपने हितों को साधा, जबकि प्रभावित ग्रामीणों को शामिल नहीं किया गया।

किसानों की मांग:

किसानों ने सरकार से मांग की कि 15 जुलाई 2024 को हुई बैठक और उसके सभी फैसलों को निरस्त किया जाए। इसके अलावा, बैठक को पुनः आयोजित कर लाभान्वित राजस्व ग्राम के लोगों को शामिल किया जाए।

 

खनन से सिंचाई व्यवस्था को खतरा:

बैठक में किसानों ने बताया कि मौरा बालू घाट पर खनन के कारण कई जीवित सिंचाई नालों का मुहाना बंद हो जाएगा। इससे दर्जनों गांवों के लाखों हेक्टेयर भूमि बंजर हो जाएगी। प्रभावित गांवों में प्रधानचक, जीतझीगोय, चौकाठिया, हरदीमोह, निजुवारा, धोबघट, सिमरिया, पूर्वी कोलहुआ, मौरा आदि शामिल हैं।

 

   उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन:

किसानों ने बताया कि 2018 में उच्च न्यायालय, पटना के आदेश पर मौरा बालू घाट पर खनन कार्य रोक दिया गया था। हालांकि, सरकार द्वारा फिर से खनन की अनुमति देने से किसानों को भारी परेशानी हो रही है।

 

नदी बचाओ आंदोलन का जोर:

 

नदी बचाओ आंदोलन के संयोजक कुणाल सिंह ने कहा, “इस अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। नदियों से जल स्रोत खत्म हो रहे हैं, जिससे खेती और सिंचाई व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। यदि खनन जल्द नहीं रोका गया तो यह पेयजल संकट और अकाल की स्थिति पैदा कर सकता है।”

 

नवयुवक संघ के संयोजक गौरव सिंह राठौड़ ने मशीनों द्वारा खनन पर रोक लगाने और मानव बल के माध्यम से खनन कराने की मांग की।

 

सामूहिक विरोध:

बैठक में उपस्थित सभी किसानों और ग्रामीणों ने मौरा बालू घाट को पूरी तरह बंद करने और नियमों के विपरीत हो रहे खनन पर रोक लगाने की मांग की। मौके पर समाजसेवी तबारक अंसारी ने कहा, “हम मौरा में बालू का उठाव नहीं होने देंगे। यदि सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।”

 

बैठक में मौजूद प्रमुख लोग:


इस बैठक की अध्यक्षता कुणाल सिंह ने की। बैठक में समाजसेवी अनिल रावत, तबारक अंसारी, बिलाल अंसारी, मोहम्मद जमील, मनोज भगत, उमेश यादव, राजीव नयन झा, राम प्रवेश रावत, मुकेश कुमार मिश्रा, सुखदेव वेद, अशोक कुमार सिंह, नसीमुद्दीन समेत सैकड़ों किसान और ग्रामीण मौजूद थे।

 

  आंदोलन का संकल्प:

बैठक के दौरान किसानों और नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन करने का संकल्प लिया। सभी ने एकजुट होकर सरकार से अवैध खनन पर रोक लगाने और सिंचाई नालों को बचाने की अपील की।

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