
सुखसेना: बिहार का वह गांव जहां शादी-ब्याह पर लगा है ब्रेक, जानिए क्यों
अररिया: बिहार के अररिया जिले के फारबिसगंज अनुमंडल के हलहलिया पंचायत में स्थित सुखसेना गांव के लोग परेशान हैं। यहां शादी-ब्याह बंद हो चुके हैं। इस गांव में पैदा हुई बेटियां शादी के बाद अपने घर लौटना नहीं चाहतीं। रिश्तेदार और मेहमान भी इस गांव से दूरी बनाए हुए हैं।
दुर्गंध और प्रदूषण से बर्बाद हो रहा है जीवन
सुखसेना में करीब 40 घरों की आबादी है। यहां की मीट फैक्ट्रियों से निकलने वाली दुर्गंध और प्रदूषण ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। चिमनियों से निकलता धुआं हवा में जहर घोल रहा है, जबकि दूषित पानी ने हालात और खराब कर दिए हैं।
गांव की गुलमा देवी बताती हैं, “दुर्गंध इतनी तेज है कि लोग घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखते हैं। कोई रिश्तेदार गांव नहीं आना चाहता और शादी-ब्याह की बात तो दूर की है।”
ग्रामीणों की बढ़ती परेशानी
शंभु मेहता, गांव के एक निवासी, बताते हैं, “फैक्ट्रियों से उठने वाली बदबू के कारण सांस लेना भी मुश्किल है। पानी इतना दूषित है कि इसका स्वाद तक खराब है। शिकायतें तो कई बार हुईं, लेकिन प्रशासन ने कभी ठोस कदम नहीं उठाया।”
संजय ऋषिदेव का कहना है, “रातों को नींद आना मुश्किल है। बदबू के कारण खाना नहीं खा पाते। पानी पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
बीजेपी विधायक विद्यासागर मंचन केसरी का कहना है कि वे 2015 से इस मुद्दे को उठा रहे हैं। “हमने सरकार को कई बार जानकारी दी, लेकिन प्रशासन खानापूर्ति कर मामले को दबा देता है।”
पीएचईडी मंत्री नीरज बबलू ने कहा, “स्लॉटर हाउस को बंद करके रिहायशी इलाके से दूर शिफ्ट किया जाना चाहिए। मवेशी चोरी और बूचड़खानों में काटने की घटनाओं की भी जांच होनी चाहिए।”
उम्मीदें और समाधान की जरूरत
गांव के लोग एक बेहतर जीवन के लिए प्रशासन और सरकार की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। प्रदूषण से बचाव और समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाना जरूरी है।
यह रिपोर्ट ग्रामीणों के अनुभवों और क्षेत्रीय जानकारी पर आधारित है।